Sonam Wangchuk on Strike in Himalayan region,
Sonam Wangchuk,”सोनम वांगचुक”, एक भारतीय इंजीनियर, प्रर्वतक और शिक्षा सुधारवादी हैं, जो विशेष रूप से भारत के लद्दाख क्षेत्र में सतत विकास में अपने काम के लिए जाने जाते हैं।
उन्हें अपने अभिनव बर्फ स्तूपों के लिए व्यापक मान्यता मिली, जो कृत्रिम ग्लेशियर हैं जिनका उपयोग सर्दियों के पानी को संग्रहीत करने और शुष्क मौसम के दौरान सिंचाई उद्देश्यों के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है।
वांगचुक के प्रयास वैकल्पिक शिक्षा मॉडल को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित हैं, जैसे कि स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल), जिसकी उन्होंने सह-स्थापना की थी। उनके काम ने उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसाएं दिलाई हैं, जिसमें 2016 में एंटरप्राइज़ के लिए रोलेक्स अवॉर्ड भी शामिल है।
निश्चित रूप से! सोनम वांगचुक हिमालय क्षेत्र में सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के समर्थक हैं। बर्फ के स्तूप के साथ अपने काम के अलावा, वह लद्दाख में पानी की कमी, मरुस्थलीकरण और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों को संबोधित करने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों में शामिल रहे हैं।
शिक्षा के प्रति वांगचुक का दृष्टिकोण व्यावहारिक शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और स्थानीय प्रासंगिकता पर जोर देता है। उन्होंने लद्दाख में अल्टरनेटिव लर्निंग इंस्टीट्यूट (ALI) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो ऐसी शिक्षा प्रदान करना चाहता है जो क्षेत्र के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संदर्भ में निहित हो।
स्थायी प्रौद्योगिकी और शिक्षा में अपने योगदान के अलावा, वांगचुक आत्मनिर्भरता और सामुदायिक सशक्तिकरण के भी मुखर समर्थक हैं। वह स्थानीय समुदायों को अपनी विकास पहलों का स्वामित्व लेने और स्वदेशी ज्ञान और संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
कुल मिलाकर, सोनम वांगचुक का काम लद्दाख जैसे पर्वतीय क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सतत विकास, नवाचार, शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता के सम्मिश्रण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है।